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my name is pratibha,it means inteligence.I believe that one should be hard working.by hard work you can get inteligence and success.

गुरुवार, 2 सितंबर 2010

वास्तु और पर्व

किसी भी धर्म का पर्व हो उसमें सफाई का विशेष महत्त्व होता हैं चाहे वह नहा धो कर नए कपडे पहनने की बात हो या घर को साफ सुथरा कर के रंग रोगन करवाने की, ले दे कर बात स्वछता की ही होती है . वास्तु शास्त्र में भी सफाई को बहुत महत्त्व दिया गया है वास्तु के अनुसार हमें अपने निवास को नियमित रूप से साफ करना चाहिए और कबाड़ को अवश्य ही हटाते रहना चाहिए.बहुत से लोगों के मन में ये सवाल उठता है क़ि घर में रहने वाली हर चीज कभी न कभी अवश्य प्रयोग में आ जाती है ,तोफिर वह फालतू या कबाड़ कैसे हो सकती है,इस हेतु मैं कहना चाहूंगी क़ि घर में रहने वाली वह  वस्तु जिसके बिना भी काम चल सकता है या जो पिछले तीन सालों से प्रयोग में नहीं लाई गयी हैं  वह कबाड़ की ही श्रेणी में आती है ऐसी वस्तुएं आपका विकास रोकती हैं.ऐसी चीजों के एकत्रित होनें का प्रमुख कारण है मनुष्य कीसंग्रह करने की प्रवृत्ति .हमारे आपके साथ होता ये है क़ि एक मेज पर चाय पीते पीते बोर होगये तो दूसरी मेज ले आये लेकिन पहली मेज को हटाया  नहीं बल्कि उसे बरामदे में या छत पर रख दिया,नया सोफा आ गया तो पुराने को लिविंग रूम या लाबी में रख दिया इस तरह करते-करते हमारे पास बहुत सा अतिरिक्त सामान इकठ्ठा हो जाता है जो हमें सुविधा देने की जगह हमारे लिए मुसीबत बन जाता है,व्यर्थ में ही हम अपने घर में एक वास्तु दोष पैदा कर लेते हैं .तो दोस्तों इस बार पड़ने वाले त्यौहार पर अपने आप से वादा कीजिये क़ि बेकार के मोह को त्याग कर हर फालतू चीज को अपने घर से अपनी जिन्दगी से निकाल बाहर करेंगे मैं विश्वास दिलाती हूँ क़ि  आप अपने भीतर तुरंत ही एक नयी ऊर्जा अनुभव करेंगे और बिगड़े काम बनने लगेंगे सो अलग. अच्छा अब विदा ;  और हाँ नकारात्मकता फ़ैलाने वाली इन चीजों को अपने घर से हटाने के बाद सूचित जरुर कीजियेगा क़ि आप कैसा मासुस कर रहे हैं         सकारात्मकता  या POSITIVITY

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