मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
my name is pratibha,it means inteligence.I believe that one should be hard working.by hard work you can get inteligence and success.

गुरुवार, 11 नवंबर 2010

उत्तर-पूर्व दिशा और हमारा जीवन

उत्तर-पूर्व दिशा आध्यात्मिकता से सम्बंधित होती है.आम-तौर पर इस दिशा को यदि साफ सुथरा कर के खाली छोड़ दिया जाये और प्रति दिन सायं काल ईश्वर को याद कर के एक धुप बत्ती ही जला दी जाये तो आश्चर्यजनक रूप से इसके सुखद परिणाम   मिल सकते हैं . इसके अतिरिक्त इस दिशा में यदि कुछ निर्माण करवाना  आवश्यक ही हो तो  पूजाघर,पानी की भूमिगत टंकी या बच्चों का कमरा बनवाया जा सकता है .ये बात कभी भूलनी नहीं चाहिए क़ि इस दिशा में साफ सुथरा खुला और खाली स्थान रखना अति उत्तम होता है.कभी-कभी ऐसा भी देखने में आया है क़ि इस दिशा में भूमिगत पानी की टंकी रखने को बताया जाता है तो भ्रमित हो कर लोग बिना पूछे ही saptic tank इस दिशा में बनवा देते हैं .ये निश्चित रूप से बहुत ही गलत है और इसके भयानक दुष्परिणाम हो सकते हैं,इसलिए कोई भी व्यक्ति यदि वास्तु -अनुसार गृह निर्माण करवाना चाहता है तो उसके लिए छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है.अंत में आप सभी से एक बात फिर दुहराना चाहूंगी कृपया कोई भी वास्तु सुधार करने से पहले सही दिशा का ज्ञान अवश्य कर लें.

4 टिप्‍पणियां:

सर्वत एम० ने कहा…

आपके ज्ञान को नमस्कार. बहुत अच्छी जानकारी प्रदान कर रही हैं आप.

pratibha mishra 8574825702 ने कहा…

dhanyvad

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

निसंदेह ।
यह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति है ।
धन्यवाद ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com

श्रीराम बिस्सा ने कहा…

आपकी बात बिलकुल सही है कि उत्तर - पूर्व दिशा में सर्वाधिक ऊर्जा होता है लेकिन यदि रसोईघर इस दिशा में हो तो वैकल्पिक उपाय क्या किया जा सकता है
कृपया सुझाव देवें