घर में रहने वाली महिलाओं के लिए माना जाता है कि उनके पास काफी समय होता है घर का काम कुछ ही घंटों में समाप्त कर शेष समय में वे आराम कर सकती हैं या अपना मनोरंजन कर सकती हैं ,लेकिन व्यवहारिक रूप से ऐसा संभव नहीं हो पाता है.घर पर रहने वाली महिलाओं से परिवारीजनों की कुछ अधिक ही अपेक्षाएं रहती हैं ,चाहे वह पति और बच्चे हो या फिर अन्य ससुरालीजन हों.परिवार के सभी सदस्यों की यही सोच होती है कि सारा दिन घर पर रह कर क्या हमारे लिए कुछ भी समय नहीं निकाला जा सकता .लेकिन नौकरी करने वाली महिलाओं को एक निश्चित समय पर घर से निकलना होता है ,इसलिए घर के सदस्य ही नहीं बल्कि नौकर भी उनके समय अनुसार काम करने का प्रयास करते हैं .मेलजोल वाले अन्य लोग तथा पड़ोसी भी किसी अवसर पर उनकी गैरमौजूदगी का बुरा नहीं मानते ,इस तरह की कुछ सहूलियतें मिल जाने से वे अपने समय का बेहतर उपयोग कर पाती हैं अधिकतर गृहणियों पर बच्चों की देखभाल और उनकी पढाई का ,घर की पूरी व्यवस्था संभालने का तथा माता पिता की चिकित्सा तथा देखभाल का इतना अधिक भार हो जाता है कि उन्हें अपनी मुलभुत दैनिक जरूरतों के लिए भी पर्याप्त अवकाश नहीं मिल पाता है समाज के बहुत से घरों में ये देखा जा सकता है कि एक गृहणी के पास छोटे बड़े कामों का इतना अधिक बोझ हो जाता है कि पूरा दिन भी उसके लिए कम पड़ जाता है .घर के सभी सदस्य अपने अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं और गृहणी अपनी पीड़ा या अकेलापन किसी के साथ बाँट भी नहीं पाती है..घर वालों के उदासीन और उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण ऐसे में कभी कभी महिलाऐं अवसाद और चिडचिडेपन का शिकार भी हो जाती हैं.समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर तथा एक एन.जी.ओ. की प्रबंधक कमलजीत कौर का मानना है कि घर पर रहने वाली महिलाऐं सप्ताह के सातों दिन और दिन के चौबीसों घंटे कार्य करती हैं और किसी भी मायने में बाहर निकलने वाली महिलाओं से कम मेहनत नहीं करतीं. घर से बाहर निकल कर काम करने वाली महिलाओं पर भी कुछ कम दबाव नहीं होता .जहाँ घरेलू महिलाऐं अपने तरीके से घर को चला कर तथा पल पल बढ़ते अप्ने बच्चों को देख कर संतोष और सूख अनुभव कर सकती वहीं कामकाजी महिलाऐं छह कर भी ऐसा नहीं कर पाती हैं.अपने कार्यस्थल पर संतोषजनक नतीजे देने के साथ ही उसे पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बेहतर तरीके से निभाना होता है .एक औरत के मन में स्वाभाविक रूप से अपने परिवार के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की भावना होती है लेकिन समाज और परिवार दोनों ही बाहर निकल कर काम करने वाली कामकाजी महिलाओं को उतना जिम्मेदार नहीं समझते. अपनी ममता और कर्तव्य भावना को समाज के सामने प्रमाणित करने के लिए उसे अपनी पूरी शक्ति झोंक देनी पड़ती है साथ ही महिलाओं के वेतन का उपयोग करते हुए परिवार यह जतानानहीं भूलता कि ये सब वे अपनी खुशी और आजादी के लिए कर रही हैं और इसके साथ उन्हें अपनी घरेलू जिम्मेदारियां निभानी ही हैं..अधिक तनाव और श्रम के कारण कभी कभी अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियाँ भी उन्हें घेर लेती हैं . घर पर रहने वाली महिलाऐं हों या बाहर काम करने वाली दोनों को ही अपने अपने तरीके से पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करना होता है .जहाँ घरेलू महिला अपने श्रम द्वारा परिवारीजनों को सुख देती है और उनकी उन्नति में योगदान देती है वहीं कामकाजी महिला आर्थिक सहयोग दे कर पारिवारिक उन्नति में अपना योगदान देती है .समाज के चहुंमुखी विकास के लिए दोनों का ही अपना अलग महत्त्व है.माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों एक वक्तव्य में घरेलू महिलाओं कोभी कामगार मान कर मासिक वेतन दिए जाने की वकालत की है ,अन्य किसी के समझने से पहले स्वयं घरेलू महिलाओं को कामकाजी महिलाओं का और कामकाजी महिलाओं को घरेलू महिलाओं का आदर करना सीखना होगा. समाज में स्त्री को यथोचित स्थान दिलाने के लिए स्वयं महिलाओं को ऐसी बातों पर ध्यान देना होगा और वस्तुस्थिति को समझने का प्रयास करना होगा .गोस्वामी जी ने मानस में एक स्थान पर लिखा है "नारि न मोहे नारि के रूपा "अर्थात कोई स्त्री कितनी भी सुन्दर क्यों न हो दूसरी स्त्री कभी उसके रूप पर मोहित नहीं होती है या फिर कहा जा सकता है कि एक नारी के गुणों या क्षमता की दूसरी नारी प्रशंसा नहीं कर सकती.सदियों से परवश अथवा पराधीन होने के कारण अथवा कमोबेश अन्य कारणों से स्त्रियों के भीतर स्वयं को श्रेष्ठ प्रमाणित करने की भावना विकसित हो चुकी है और इसी भावना ने स्वयं नारी जाति का भारी नुकसान किया है .अपनी इस कमी को पहचान कर उससे निज़ात पाना एक सही कदम होगा |
मेरे बारे में

- pratibha mishra 8574825702
- my name is pratibha,it means inteligence.I believe that one should be hard working.by hard work you can get inteligence and success.
शनिवार, 21 मई 2011
samaj me mahilaon ka sthan
शनिवार, 14 मई 2011
देशनामा: ब्लॉगिंग बेकार बेदाम की चीज़ है...खुशदीप
देशनामा: ब्लॉगिंग बेकार बेदाम की चीज़ है...खुशदी
blogging ke bare me main bhee kuch aiser hee khyal rakhtee hun.
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011
vastuupay
बहुत दिनों से अन्य व्यस्तताओं के कारन ब्लॉग पर समय न दे सकी ,एक प्रश्न कई लोगों द्वारा पूछा गया है की यदि रसोईघर पूर्व या उत्तर पूर्व में बनाया जा चुका है तो क्या करना चाहिए ,सबसे पहले तो ये जान लें की कोई भी वास्तु शास्त्री अनावश्यक तोड़फोड़ का समर्थक नहीं होता है यथा संभव बने हुए मकानों में वास्तु सुधार कर ही सभी काम चलाना बेहतर समझते हैं .
उत्तर पू.र्व में रसोई घर नहीं होना चाहिए ,लेकिन पूर्व दिशा के रसोईघर के लिए अच्छे वास्तु उपाय मौजूद हैंऐसे में रसोईघर का उत्तर पूर्वी क्षेत्र खाली और साफ सुथरा रखें ,गैस रखने का प्लेटफार्म दक्षिण पूर्व में रखें और पूर्व की और मुंह करके गृहणी खाना पकाए.पीने के लिए एवं अन्य कार्यों के लिए पानी पूर्व या उत्तर दिशा में रखें .रसोईघर खुला खुला रहे और आवश्यकतानुसार ही सामान रखें रसोई घर को भण्डार घर या स्टोर रूम की तरह प्रयोग न करें.
दूसरा सवाल ये है की यदि घर के सभी सदस्य बीमार रहने लगें तो क्या कारन हो सकता है ,इसका उत्तर ये है की ऐसी परिस्थतियों का अर्थ यही है की घर में अवश्य ही कोई वास्तु दोष है.
आगे के अंकों में वास्तु जानकारियों सहित फिर उपस्थित होऊँगी नमस्कार.
गुरुवार, 28 अप्रैल 2011
Dadi Maa Ki Kahaniyan: ईश्वर देता है|
Dadi Maa Ki Kahaniyan: ईश्वर देता है|: " बहुत समय पहले की बात है| एक शहर में एक दयालु राजा रहता था| उस के यहाँ रोज दो भिखारी भीख मांगने आया करते थे| उन में एक भिखारी जवा..."
nature is your companion ........kaash ki aajkal ke bachche kampyuter game chhod kar ye kahaniyan padh pate.
nature is your companion ........kaash ki aajkal ke bachche kampyuter game chhod kar ye kahaniyan padh pate.
शुक्रवार, 25 मार्च 2011
vastu tips
घर में लक्ष्मी को कैसे बुलाएँ
घर के दक्षिण और पूर्व में अनिवार्य रूप से तुलसी का पौधा लगायें पूर्व या उत्तर दिशा में मनीप्लांट का पौधा लगायें चाहे तो इसे दोनों और रखें.तिजोरी या अलमारी का दरवाजा उत्तर या पूर्व की और खुलना चाहिए.इसके लिए अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार से सटा कर रखें घर का उत्तर पूर्वी कोना पुरी तरह से साफ सुथरा और खाली रखना चाहिए.
रिश्तों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से कैसे बचें
घर में ताजी हवा प्रवेश कर सके इसलिए समय समय पर खिड़कियाँ खोली जाती रहें माकन में प्राकृतिक
वायुसंचार रखने का प्रयास करें आवश्यक होने पर ही मकेनिकल वेंटीलेशन.का प्रयोग करें.घर का हर कोना रोज साफ किया जाये.जमीन पर कारपेट या दरी बिछाने से बचें.खिड़की दरवाजों पर पारदर्शी कांच लगवाएं.
शुक्रवार, 4 मार्च 2011
vastu tips
nature is your companion
गृह निर्माण हेतु शुभ समय
हिन्दी महीनो के अनुसार वैशाख,श्रावण.मार्गशीर्ष ,माघ एवं फागुन में ही गृह निर्माण शुरू करना चाहिए.शुक्र या गुरु तारे के अस्त होने पर गृह निर्माण नहीं करवाना चाहिए. गृह निर्माण के लिए स्थिर लग्न सर्वोत्तम ,द्विस्वभाव लग्न मध्यम और चट लग्न त्याज्य मानी जाती है. माकन बनवाने के लिए सबसे पहले उत्तर पूर्व में एक गड्ढा
खोद कर उसमे पानी भर लेना चाहिए या अन्दर ग्राउंड पानी की टंकी इसी दिशा में बनवा लेनी चाहिए
विद्यार्थी ध्यान दें
विद्यार्थी पूर्व या उत्तर की और मुह कर के पढने बैठें .लड़कियों के लिए उत्तर की और और लड़कों के लिए पूर्व की और मुंह करना विशेष लाभकारी है.विद्यार्थी की कुर्सी का पीछे ठोस दीवार होनी चाहिए यह एकाग्रता के लिए बहुत आवश्यक है.पढने की मेज दीवार से लगी नहीं होनी चाहिए.मेज के सामने आवश्यक रूप से खाली जगह होनी चाहिए.यह स्थिति छात्र के भविष्य को संवारने में मदद करती है..
vastu tips
ऐसे संवारें बेड रूम को
शयन कक्ष में अधिक संख्या में धार्मिक चित्र न लगायें ,साथ ही युद्ध अकेलेपन या भयानकता प्रदर्शित करने वाली पेंटिंग लगाने से भी बचना चाहिए.सोने के लिए पलंग ऐसे हों जिनके नीचे हवा आजा सके.यदि बॉक्स वाले बेड हों तो उनमे बहुत अधिक कबाड़ या सामान न भरें ,उसे हल्का और साफ सुथरा बनाये रखें.
घर में सकारात्मक ऊर्जा कैसे आये
आंवला ,नारियल आदि पौधे सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं ,जबकि अमरुद केला ,पपीता ये वृक्ष हानिकारक हैं.ऐसे पौधे घर से कम से कम ३० फुट की दूरी पर होने चाहिए. भवन में खिड़की,दरवाजे आदि सम संख्या में होने चाहिए लेकिन अंत में शून्य न होजैसे १०,२० आदि.भवन में खिड़की ,दरवाजे तथा वेंतिलेतार्स आदि सम संख्या में होने चाहिए.
मंगलवार, 1 मार्च 2011
शनिवार, 26 फ़रवरी 2011
vastu tips
ऐसे संवारें बेड रूम को
शयन कक्ष के फर्श का रंग पीला नहीं रखना चाहिए.अन्य कोई भी हल्का रंग प्रयोग किया जा सकता है.घर के अविवाहित बड़े पुत्र का शयन कक्ष दक्षिण पूर्व में रखने से अच्छे परिणाम मिलते हैं.शयन कक्ष में टी.वी. या कम्प्यूटर रखने से पति पत्नी में तनाव बना रह सकता है.
घर में सकारात्मक ऊर्जा कैसे आये
आंवला नारियल आदि पौधे सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं ,जबकि अमरूद केला ,पपीता ये वृक्ष हानिकारक हैं.ऐसे पौधे घर से लगभग तीस फुट की दूरी पर होने चाहिए.भवन में खिड़की दरवाजे आदि सम संख्या में होने चाहिए.किन्तु अंत में शून्य नहीं हो जैसे १०,२० आदि.भवन में खिड़की दरवाजे ,रोशनदान आदि की संख्या सम होनी चाहिए.
vastu tips
कैसे रहें स्वस्थ
घर में प्लास्टिक पेंट करवाने से दम या फेफड़े से पीड़ित व्यक्ति को कष्ट होता है,और जिन्हें ये रोग नहीं होता वे इससे पीड़ित हो सकते हैं.मुख्य द्वार यदि घर के अन्दर झुका हो तो घर के लोगों को किडनी या ह्रदय संबंधी बीमारी होने का दर रहता है.घर के अन्दर वायु का सुचारू रूप से संचार होते रहना आवश्यक है.घर में कहीं भी हवा रुकनी नहीं चाहिए.
घर के सामने कोई अवरोध नहीं होना चाहिए.दरवाजे के सामने कोई खम्भा कुआ होना द्वार दोष कहलाता है.ऐसा होने से धन का नाश बीमारियों का सिलसिला ,मानसिक तनाव या अन्य रोग होने की आशंका बनी रहती है.दरवाजे चौकोर होने चाहिए .आदी तिरछी आकृति की टेढ़ी मेधी बनावट वाले दरवाजे घर वालों को कष्ट दे सकते हैं.
मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011
vastu tips
ऐसे संवारें बेड रूम को
शयनकक्ष में अधिक संख्या में धार्मिक चित्र न लगायें ,साथ ही युद्ध ,अकेलापन या भयानकता प्रदर्शित करने वाली पेंटिंग लगाने से बचना चाहिए.सोने के लिए पलंग ऐसे हों जिनके नीचे हवा आ जा सके यदि बॉक्स वाले बेड हों तो उनमे बहुत अधिक कबाड़ या सामान न भरें.उसे हल्का और साफ सुथरा बनाये रखें.
vastu tips
बेडरूम को तनाव मुक्त रखने के लिए कुछ वास्तु निर्देश
गृह स्वामी का शयन कक्ष मकान के दक्षिणी या दक्षिण पश्चिमी हिस्से में होना चाहिए.अन्य सदस्यों के बेडरूम इसके उत्तर या पूर्व में रखे जा सकते हैं.यदि ऊपर की मंजिलें बनी हैं तो गृह स्वामी का शयन कक्ष ऊपर होना चाहिए .यदि शयनकक्ष दक्षिण पश्चिम दिशा में है तो मुख्य दक्षिण पश्चिम कोने पर बेड न डाल कर कोई भारी सामान रख देना चाहिए और बेड दक्षिण या पश्चिम की और कर लेना चाहिए. भवन के बीचों बीच किसी का भी शयनकक्ष नहीं होना चाहिए.
शयन कक्ष को ऐसे संवारें
शयन कक्ष की दीवारों का रंग हल्का गुलाबी या भूरा रखें.,हल्का हरा या चोकलेटी भी रखा जा सकता है.शयकक्ष का द्वार एक पल्ले का होना उत्तम रहता है.नवविवाहित दंपत्ति का बेडरूम उत्तरपूर्व या पूर्व में नहीं होना चाहिए.विवाह योग्य लडकी का बेडरूम उत्तर पश्चिम में रखवाना उचित होता है.
vastu tips
ड्राइंगरूम सजाते समय दें इन बातों पर ध्यान
ड्राइंग रूम सजाते दक्षिण पूर्व कोने को छोड़ते हुए पूर्व में रखना या फिर उत्तर पूर्व कोने को छोड़ते हुए उत्तर में रखना सर्वित्तम है.इसके अलावा उत्तर पश्चिम या दक्षिण पूर्व में भी रखा जा सकता है.कोने छोड़ने का प्रयास करना चाहिए. ड्राइंग रूम के फर्श का ढालउत्तर या पूर्व में होना चाहिए. ड्राइंग रूम का दरवाजा पूर्व या पश्चिम में रखना शुभ होता है.शोकेस दीवान या अन्य भरी वस्तुएं पश्चिम या दक्षिण दिशा की और रखना चाहिए.
शनिवार, 19 फ़रवरी 2011
vastu tips
बच्चों के कमरे का रखें ख्याल
पढने वाले बच्चों के कमरों की दीवार पर सफ़ेद या दुसरे हलके रंग लगवाएं.उत्तर और पूर्व दिशों को खाली छोड़ने का प्रयास करें यदि रखना ही पड़े तो हल्का सामान रखें.अलमारी या अन्य भरी सामान दक्षिण और पश्चिम में रखने का प्रयास करें.कमरे के बीच का हिस्सा खाली रखने का प्रयास करें.बच्चे की कुर्सी के पीछे ठोस दीवार अवश्य होनी चाहिए मेज के सामने कुछ खाली जगह होना अच्छा होता है.
vastu tips
बच्चों का कमरा ऐसे बनायें
बच्चों का कमरा उत्तर पश्चिम कोना छोड़ कर उत्तर में अथवा पश्चिम में बनाया जा सकता है.उत्तर पूर्व कोना छोड़ कर पूर्व में भी बच्चों का शयनकक्ष रखा जा सकता है एनी दिशाएँ उपयुक्त नहीं हैं.बच्चों के कमरा में बिस्तर दक्षिण पश्चिम से लगा हुआ होना चाहिए.बच्चों के पढने की मेज पूर्व या उत्तर में होना चाहिए और पढ़ते समय इन्हीं दिशाओं में बच्चे का मुंह भी रखवाएं.
vastu tips
ड्राइंग रूम सजाते समय इन बातों पर दें ध्यान
अगर इस कमरे में टी.वी. रखना हो तो उत्तर पूर्व या दक्षिण कोने पर न रखें ,परिवार का मुखिया ड्राइंग रूम में इसप्रकार बैठे की उसका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रहे.इस कमरे का फर्श सफ़ेद पीला ,नीला या हरा होना अच्छा रहता है.रोते हुए बच्चे महिलाऐं या युद्ध के चित्र यहाँ न लगायें.इस कमरे में वर्गाकार या आयताकार फर्नीचर ही रखें.
vastu tips
भवन निर्माण की भूमि लेते समय दें इन बातों पर दें ध्यान
मकान बनवाने हेतु भूमिवर्गाकार होना सर्वश्रेष्ठ है,आयताकार प्लाट भी अच्छे माने जाते हैं.टेढ़ी मेधी आकृति वाले या कटे कोनों वाले प्लाट वास्तु निर्देश अनुसार उचित नहीं हैं.मकान बनवाने हेतु भूमि अगर दक्षिण पश्चिम की और कुछ ऊंची और उत्तर पूर्व की और कुछ नीची हो तो उत्तम रहता है.
शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011
vastu tips
घर बनायें तो रखें ध्यान
१-मकान की चारदीवारी उत्तर और पूर्व की और हल्की तथा दक्षिण और पश्चिम की और ऊँची और मजबूत होनी चाहिए
२-उत्तर ,पूर्व की और से घर में अधिक धुप और हवा आये इसके लिए इस ओरहल्की लोहे की जाली या बांस लगाना बेहतर रहता है.
३-मकान के उत्तर पूर्व में एक पानी का फव्वारा होना शुभ फल देता है.
vastu tips
पूजा घर न तो बहुत बड़ा और न ही बहुत छोटा होना चाहिए
पूजा घर उत्तर पूर्व दिशा में होना सर्वोत्तम है.
पूजाघर का फर्श सफ़ेद ,पीला या हल्का पीला होना अच्छा रहता है.
भगवान की तस्वीरें या मूर्तियाँ पूरब पश्चिम होनी चाहिए
साधक का मुंह भी पूर्व या पश्चिम की और होना चाहिए
.
vastu tips
तो आप परेशान नहीं रहेंगे .
१-मकान बनवाने के लिए ली जाने वाली भूमि की धुरी पृथ्वी के चुम्बकीय अक्ष से मेल खाती हो तौसका धनात्मक प्रभाव बढ़ जाता है.
२-उत्तरी सड़क से जुडा भूखंड धन सम्पन्नता और वैभव प्रदान करता है.
३-पूर्वी सड़क से जुडा भूखंड प्रसिद्धि नाम और सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करता है.
४-पश्चिमी सड़क से जुडा भूखंड औसत माना जाता है किन्तु व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अच्छा रहता है.
मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011
vastu tips
विद्यालय बनाते समय इन बातों का रखें ख्याल -
१-विद्यालय की इमारत का प्रवेशद्वार पूरब या उत्तर की ओर होना चाहिए.
२-प्रार्थना हाल पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए
३-विद्यालय कैंटीन दक्षिण पूर्व दिशा में हो.
४-खेलने का मैदान पूर्व या उत्तर की ओर हो.
५-कक्षाओं में उत्तर और पूर्व की तरफ अधिक खिड़कियाँ और दरवाजे होना चाहिए. .
१-विद्यालय की इमारत का प्रवेशद्वार पूरब या उत्तर की ओर होना चाहिए.
२-प्रार्थना हाल पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए
३-विद्यालय कैंटीन दक्षिण पूर्व दिशा में हो.
४-खेलने का मैदान पूर्व या उत्तर की ओर हो.
५-कक्षाओं में उत्तर और पूर्व की तरफ अधिक खिड़कियाँ और दरवाजे होना चाहिए. .
vastu tips
आप सभी को यह जानकारी देते हुए बड़े ही हर्ष का अनुभव हो रहा है क़ि प्रदेश की राजधानी लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र "जन सन्देश" मेंप्रतिदिन वास्तु टिप्स प्रकाशित किए जा रहे हैं .सभी ब्लॉगर साथियों के लाभार्थ मैं नियमित रूप से इन्हें प्रकाशित करने का प्रयास करूंगी-
ऑफिस में क्या करें जिससे हो फायदा
१-मालिक की कुर्सी दक्षिण पश्चिम कोने पर होनी चाहिए.
२-मालिक का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए.
३-कैश बॉक्स उत्तर की ओर होना चाहिए.
४-जिस माल को जल्दी बेचना है उसे उत्तर पश्चिम कोने पर रखें.
५-कैश बॉक्स का दरवाजा पूर्व या उत्तर की ओर खुले.
ऑफिस में क्या करें जिससे हो फायदा
१-मालिक की कुर्सी दक्षिण पश्चिम कोने पर होनी चाहिए.
२-मालिक का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए.
३-कैश बॉक्स उत्तर की ओर होना चाहिए.
४-जिस माल को जल्दी बेचना है उसे उत्तर पश्चिम कोने पर रखें.
५-कैश बॉक्स का दरवाजा पूर्व या उत्तर की ओर खुले.
मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011
आम जन से जुडी आवाज
सभी ब्लागर साथियों को नमस्कार . पिछले कुछ समय से किन्हीं कारणों वश बिलकुल भी यहाँ समय न दे सकी जबकि यह मेरे लिए अत्यंत प्रिय है .ब्लागिंग की इस निराली दुनिया में लाने के लिए मैं अपनी मित्र और प्राकृतिक चिकित्सा विशेषग्य अलका जी की ह्रदय से आभारी हूँ.
आज से हमारे शहर लखनऊ से एक नया समाचारपत्र प्रकाशित हुआ है'जन सन्देश'.पहले ही दिन इसके कलेवर और तीखे तेवर ने मन को मोह लिया .कहावत है "पूत के पांव पलने में ही दिखाई देने लगते हैं "प्रथम संस्करण ने ही बड़ी उम्मीदें जगाई हैं लखनऊ की आम जनतायही उम्मीद और शुभ कामना करती है क़ि अवं की आवाज को बुलंद करते हुए यह पत्र शिखर पर पहुंचे.
पत्र के प्रकाशन में जिम्मेदार सभी लोगों को साधुवाद.
आज से हमारे शहर लखनऊ से एक नया समाचारपत्र प्रकाशित हुआ है'जन सन्देश'.पहले ही दिन इसके कलेवर और तीखे तेवर ने मन को मोह लिया .कहावत है "पूत के पांव पलने में ही दिखाई देने लगते हैं "प्रथम संस्करण ने ही बड़ी उम्मीदें जगाई हैं लखनऊ की आम जनतायही उम्मीद और शुभ कामना करती है क़ि अवं की आवाज को बुलंद करते हुए यह पत्र शिखर पर पहुंचे.
पत्र के प्रकाशन में जिम्मेदार सभी लोगों को साधुवाद.
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